रथों का निर्माण: पुरी रथ यात्रा के रथों का निर्माण केवल पारंपरिक विधियों और सामग्रियों का उपयोग करके किया जाता है'।

 विभिन्न रथ: जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के रथों के नाम और डिजाइन अलग-अलग होते हैं। भगवान जगन्नाथ का रथ 'नंदीघोष', बलभद्र का 'तालध्वज' और सुभद्रा का रथ 'दर्पदलन' कहलाता है।

रथों की ऊंचाई: भगवान जगन्नाथ के रथ की ऊंचाई लगभग 45 फीट होती है, जबकि बलभद्र और सुभद्रा के रथ क्रमशः 44 फीट और 43 फीट ऊंचे होते हैं।

रथ यात्रा की तिथि: पुरी रथ यात्रा की तिथि हर साल आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को होती है, जो सामान्यतः जून या जुलाई में पड़ती है।

रथ खींचने की परंपरा: रथों को खींचने की परंपरा में भाग लेने के लिए लाखों श्रद्धालु पुरी आते हैं। इस प्रक्रिया को अत्यंत शुभ माना जाता है और इसे देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं।

रथों का रंग: भगवान जगन्नाथ के रथ का रंग लाल और पीला होता है, बलभद्र के रथ का रंग लाल और हरा होता है, और सुभद्रा के रथ का रंग काला और लाल होता है।

रथ यात्रा का मार्ग: रथ यात्रा का मार्ग 3 किमी लंबा होता है और यह जगन्नाथ मंदिर से शुरू होकर गुंडिचा मंदिर पर समाप्त होता है।

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