विशेषण भी संज्ञा की तरह लिंग बदलते हैं। जैसे 'सुंदर' का स्त्रीलिंग 'सुंदर' ही रहेगा लेकिन उच्चारण में थोड़ा बदलाव होगा।

विशेषण संज्ञा के एकवचन और बहुवचन के अनुसार बदलते हैं। उदाहरण के लिए, 'लाल फूल' और 'लाल फूलों' में अंतर देखें।

विशेषणों के कई प्रकार होते हैं जैसे गुणवाचक, संख्यावाचक, परिमाणवाचक, संकेतवाचक आदि।

सभी भाषाओं में रंगों के विशेषण होते हैं, लेकिन हर भाषा में रंगों की श्रेणियाँ और संख्या अलग-अलग होती है।

हिंदी में तीन प्रकार की तुलना विशेषण होते हैं - सामान्य, तुलनात्मक, और उत्तम। जैसे, अच्छा, बेहतर, सर्वश्रेष्ठ।

कई बार संज्ञाओं को विशेषण के रूप में भी प्रयोग किया जाता है, जैसे 'सोने की चेन' में 'सोने' विशेषण है।

कुछ विशेषण नकारात्मक अर्थ देते हैं जैसे 'बुरा', 'खराब', 'घिनौना'।

विशेषण मूल्यांकन करते समय महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जैसे 'सर्वश्रेष्ठ' या 'सबसे खराब'।

हिंदी में ऐसे विशेषण होते हैं जो अनुमान लगाते हैं, जैसे 'संभावित', 'मुमकिन'।

विशेषणों का उपयोग भावनाओं को व्यक्त करने के लिए भी किया जाता है, जैसे 'खुश', 'दुखी'।

कुछ विशेषण अनेकता को दर्शाते हैं, जैसे 'कई', 'कुछ', 'बहुत से'।