संज्ञा: भाषा की बुनियादी इकाई, जो व्यक्ति, स्थान, वस्तु, अभिव्यक्ति, भाव, गुण, या अन्य विषयों को नामित करती है।

इसका उपयोग हमारी दैनिक जीवन में व्यक्तियों, वस्तुओं, और भावनाओं को पहचानने और समझने में किया जाता है।

"राम," "गाँव," "किताब," "सुंदरता," और "खुशी" जैसी शब्द संज्ञाएँ हैं।

संज्ञा से भाषा का संरचनात्मक और सामाजिक पहलू प्रकट होता है।

इसके बिना भाषा का व्यावसायिक और सामाजिक उपयोग संभव नहीं होता।

संज्ञा से भाषा में संवेदनशीलता और विविधता का स्तर पता चलता है।

इसके द्वारा हम व्यक्तिगत, सामाजिक, और राजनीतिक विचारों को व्यक्त करते हैं।

संज्ञाओं की सही उपयोग से भाषा में स्पष्टता और समझ बढ़ती है।

संज्ञा का अध्ययन भाषा विज्ञान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

इससे हमारी सोचने और व्यक्त करने की क्षमता में सुधार होता है, जो हमें सामाजिक और व्यावसायिक संचार में मदद करता है।